20181122

संस्कृत के कुछ रोचक तथ्य...



संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा

आज हम आपको संस्कृत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं,जो किसी भी भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर देंगे

1. संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है

2. संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है

3. अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी

4. NASA के मुताबिक, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है

5. संस्कृत में दुनिया की किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है

6. संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100 से ज्यादा शब्द है।

7. NASA के पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी 60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है

8. फ़ोबर्स मैगज़ीन ने जुलाई,1987 में संस्कृत को Computer Software के लिए सबसे बेहतर भाषा माना था

9. किसी और भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दो में वाक्य पूरा हो जाता है

10. संस्कृत दुनिया की अकेली ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ की सभी मांसपेशियो का इस्तेमाल होता है

11. अमेरिकन हिंदु युनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य बीपी, मधुमेह,कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाएगा संस्कृत में बात करने से मानव शरीरका 
तंत्रिका तंत्र सदा सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश (Positive Charges) के साथ सक्रिय हो जाता है

12. संस्कृत स्पीच थेरेपी में भी मददगार है यह एकाग्रता को बढ़ाती है

13. कर्नाटक के मुत्तुर गांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते है

14. सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार था, जो 1970 में शुरू हुआ था

आज भी इसका ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध है।

15. जर्मनी में बड़ी संख्या में संस्कृतभाषियो की मांग है जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटीज़ में संस्कृत पढ़ाई जाती है

16. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तोउनके वाक्य उलट हो जाते थे इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल 
जाता था उन्होंले कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई

आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नही बदलते हैं।
जैसे
अहम् विद्यालयं गच्छामि। 
विद्यालयं  गच्छामि अहम्। 
गच्छामिअहम् विद्यालयं ।
उक्त तीनो के अर्थ में कोई अंतर नहीं है।

17. आपको जानकर हैरानी होगी कि Computer द्वारा गणित के सवालो को हल करने वाली विधि यानि Algorithms संस्कृत में बने है ना कि अंग्रेजी में।

18. नासा के वैज्ञानिको द्वारा बनाए जा रहे 6th और 7th जेनरेशन Super Computers संस्कृतभाषा पर आधारित 
होंगे जो 2034 तक बनकर तैयार हो जाएंगे

19. संस्कृत सीखने से दिमाग तेज हो जाता है और याद करने की शक्ति बढ़ जाती है इसलिए London और Ireland के कई स्कूलो में संस्कृत को Compulsory Subject बना दिया है।

20. इस समय दुनिया के 17 से ज्यादा देशो की कम से कम एक University में तकनीकी शिक्षा के कोर्सेस में संस्कृत पढ़ाई जाती है।

वरिष्ठ नागरिक 60-70 से ऊपर की उम्र के Senior Citizen



आप जानते है कि मन चाहे कितना भी जोशीला हो, साठ की उम्र होने पर यदि आप अपने आप को फुर्तीला ओर ताकतवर समझते हैं लेकिन वास्तव में ढलती उम्र के साथ तन उतना ताकतवर और फ़ुर्तीला नहीं रह जाता ।

आपका शरीर ढलान पर है, जिससे ‘हड्डियां व जोड़ कमज़ोर होते है लेकिन मन भ्रम बनाये रखता है कि ये काम मैं चुटकी में कर लूँगा । पर जल्द सच्चाई सामने आ जाती है लेकिन एक नुक़सान के साथ ।


धोखा तब होता है जब मन सोचता है मैं कर लूंगा और शरीर करने से चूक जाता है। परिणाम एक एक्सीडेंट और शारीरिक क्षति
यह क्षति फ़्रैक्चर से लेकर हेड इंज्यूरी तक हो सकती है? कभी-कभी कभी जान लेवा भी हो जाती है ?
इसलिये हमेशा हड़बड़ी में रहने और काम करने की   अपनी आदतें बदल डालें ।
भ्रम न पालें, सावधानी बरतें क्योंकि अब आप पहले की तरह फ़ुर्तीले नहीं हैं, छोटी सी चूक भी कभी बड़े नुक़सान का कारण बन सकती है
सुबह नींद खुलते ही तुरंत बिस्तर छोड़ खड़े न हों, क्योंकि आँखे खुल जाती हैं लेकिन शरीर एंव नसों का रक्त प्रवाह पूर्ण चैतन्य अवस्था मे नहीं हो पाता
अतः पहले बिस्तर पर कुछ मिनट बैठे रहें और पूरी तरह चैतन्य हो लें। कोशिश करें कि बैठे बैठे ही स्लीपर ,चप्पलें पैर में डालें और खड़े होने के लिये कोई सहारा लें ।अक्सर यही समय होता है डगमगा कर गिर जाने का ?
□ □ गिरने की सबसे अधिक घटनाएँ बॉथरूम / वॉशरूम या टॉयलेट में ही होतीं हैं 
आप चाहे अकेले हों  पति/पत्नी के साथ हों या संयुक्त परिवार में हों, बॉथरूम में अकेले ही होते हैं

यदि आप घर में अकेले रहते हैं, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें क्योंकि गिरने पर यदि उठ न सके तो दरवाज़ा तोड़कर ही आप तक सहायता पहुँच सकेगी, वह भी तब जब आप पड़ोसी तक समय से सूचना पहुँचाने में सफल हो सकेंगे ? याद रखें बाथरूम में भी मोबाइल साथ हो ताकि समय पर काम आ सके।

देशी शौचालय के बदले हमेशा यूरोपियन कमोड वाले शौचालय ही इस्तेमाल करें ? यदि न हो , तो समय रहते बदलवा लें क्योंकि आवश्यकता पड़नी ही है , चाहे कुछ समय बाद ही पड़े ? ●
संभव हो तो कमोड के पास एक हैंडिल लगवा लें !
कमज़ोरी की स्थिति में यह आवश्यक हो जाता है।
बाजार में प्लास्टिक के वैक्यूम हैंडिल भी मिलते हैं , जो टॉइल जैसी चिकनी सतह पर भी चिपक जाते हैं ,पर इन्हें इस्तेमाल करने से पहले खींचकर ज़रूर परख लें । ●●

हमेशा आवश्यक ऊँचे स्टूल पर बैठकर ही नहायें ।
बॉथरूम के फ़र्श पर रबर की मैट ज़रूर बिछा कर रखें ताकि आप फिसलन से बच सकें।
गीले हाथों से टाइल्स लगी दीवार का सहारा न लें, हाथ फिसलते ही आप डिसबैलेंस होकर गिर सकते हैं ।
बॉथरूम के ठीक बाहर सूती मैट भी रखें जो गीले तलवों से पानी सोख ले।
कुछ समय उस पर खड़े रह कर फिर फ़र्श पर पैर रखें वह भी सावधानी से । 
अंडरगारमेंट हों या कपड़े, अपने चेंजरूम या बेडरूम में ही आकर पहनें। अंडरवियर, पजामा या पैंट खडे़ खडे़ कभी नहीं पहनें  ●●
हमेशा दीवार का सहारा लेकर या बैठकर ही उनके पायचों मे पैर डालें, फिर खड़े होकर पहनें, वर्ना दुर्घटना घट सकती है, कभी कभी स्मार्टनेस की बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है। 
अपनी दैनिक ज़रूरत की चीज़ों को नियत जगह पर ही रखने की आदत डाल लें, जिससे उन्हें आसानी से उठाया या तलाशा जा सके ।

भूलने की ज़्यादा आदत हो, तो आवश्यक चीज़ों की लिस्ट मेज़ या दीवार पर लगा लें एवम घर से निकलते समय एक निगाह उस पर डाल लें, आसानी रहेगी ।
जो दवाएँ रोज़ लेनी हैं उनको प्लास्टिक के प्लैनर में रखें जिससे जुड़ी हुई डिब्बियों में हफ़्ते भर की दवाएँ दिनवार रखी जाती हैं ।अकसर भ्रम होता है कि दवाएँ ले ली हैं या भूल गये।प्लॉनर में से दवा खाने मे चूक नहीं होगी । ●●
सीढ़ियों से चढ़ते उतरते समय सक्षम होने पर भी हमेशा रेलिंग का सहारा लें, ख़ासकर ऑटोमैटिक सीढ़ियों पर । ध्यान रहे आपका शरीर आपके मन का अब ओबीडियेंट सर्वेंट नहीं रहा ।
बढ़ती आयु में कोई भी ऐसा कार्य जो आप सदैव करते रहे हैं, उसको बन्द नहीं करना चाहिये । कम से कम अपने से सम्बन्धित अपने कार्य स्वयं ही करें ।
नित्य प्रातःकाल घर से बाहर निकलने, पार्क में जाने की आदत न छोड़ें, छोटी मोटी कसरत भी करते रहें। नहीं तो आप योग व व्यायाम से दूर होते जाएंगे और शरीर के अंगों की सक्रियता ओर लचीला पन कम होती जायेगा । हर मौसम में कुछ योग-प्राणायाम अवश्य करते रहें ।
घर में या बाहर हुक्म चलाने की आदत छोड़ दें । अपना पानी, भोजन, दवाई इत्यादि स्वयं लें जिससे सक्रियता बनी रहे । बहुत आवश्यक होने पर ही दूसरों की सहायता लेनी चाहिए । 
■■ घर में छोटे बच्चे हों तो उनके साथ अधिक समय बितायें लेकिन उनको अधिक टोका-टोकी न करें ।
उनको प्यार से सिखायें । ध्यान रखें कि आपको सबसे एडजस्ट करना है न कि सबको आपसे ■■

एक मूल मंत्र सदैव उपयोग करें।    
स्वाद पर नियंत्रण रखें ।   
कम से कम एवं आवश्यकता होने पर ही बोलें।   
अपनी दखलंदाजी कम कर दें।                 
इन मूल मंत्र को जीवन में उतारते ही वृद्धावस्था प्रभु का वरदान बन जायेगी जिसका बहुत कम लोग उपभोग कर पाते हैं ।

20181119

ठग बाबाओं द्वारा लुटती हुई जनता

👳‍♂ *ठग बाबाओं द्वारा लुटती हुई जनता*👳🏿‍♂

सात लाख रूपये दीजिये तो *माँ* ( जसबिंदर कौर) आपको गोद में बैठाकर आशीर्वाद देंगी और पन्द्रह लाख रूपये दीजिये तो आप उस *धूर्त ठग  माँ* को किसी फाइव स्टार होटल में ले जाकर डिनर के साथ आशीर्वाद ले सकते हैं ! तब भी अंधविश्वासी लोग उसे देवी ही मानते हैं l

 एक बाबा लाल चटनी और हरी चटनी में भगवान की कृपा दे रहा है ! रात दिन पूज रहा है। और अंधभक्त है वह फिर भी उन्हे भगवान समझते हैं

*बाबा रामपाल* के भक्त हैं जो कबीर को पूर्ण परब्रह्म परमात्मा मानते हैं ! ओर अपने नहाए हुए पानी को अपने भक्तों को पिला कर उन्हे कृतार्थ करता है।

 एक हीरा व्यापारी *दादा लेखराज* के वचनों को सच्ची गीता बताते हैं और परमात्मा को बिन्दुरुप बताते हैं ! इन्होंने भगवद गीता भी फेल कर दी।

 एक बाबा है  जो कई करोड़ की गाड़ी में ,300 की स्पीड पर भयंकर दुर्घटना में मर गया औरों के तो पता नही , अपना मिलन परमात्मा से करवा लेता है।पर लोग बाबा की जय बोलने से नही थकते।


*आशु भाई गुरु जी, बापू आसाराम, दाती महाराज बाबा राम रहीम* के भक्त तो और भी महान है सब पोल खुल जाने पर भी सड़को पर भक्त बनकर इनको ईश्वर मान रात दिन उसके गुण गाते है। और कहते हैं कि जेल में गुरुजी नहीं बल्कि इनकी छाया गई हुई है अंधभक्त समझते ही नहीं


जिसने अपनी दुकान ज्यादा सजायी वो ही उतना बड़ा परमेश्वर हो गया। बाबा लोगों को किसी भगवान पर विश्वास नहीं होता.. *बाबा जी अपनी Z+ सिक्योरिटी में बैठकर कहते हैं कि," जीवन-मरण ऊपर वाले के हाथ में है "अंधभक्त श्रद्धा से सुनते हैं, पर सोचते नहीं हैं....*

👉 बाबा जी हवाई जह़ाज में उड़ते हैं । सोने से लदे होते हैं । ये बाबा दौलत के ढेर पर बैठकर बोलते हैं कि, *"मोह-माया मिथ्या है, ये सब त्याग दो ".लेकिन उत्तराधिकारी अपने बेटे या परिवार के खास व्यक्ति को ही बनायेंगे..अंधभक्त श्रद्धा से सुनते हैं, पर सोचते नहीं हैं.....*

👉 भक्तों को लगता है कि उनके सारे मसले बाबा जी हल करते हैं, *लेकिन जब बाबा जी मसलों में फंसते हैं, तब बाबा जी बड़े वकीलों की मदद लेते हैं..अंधभक्त बाबा जी के लिये दुखी होते हैं, लेकिन सोचते नहीं हैं.....*

👉 *भक्त बीमार होते हैं तो डॉक्टर से दवा लेते हैं जब ठीक हो जाते हैं तो कहते हैं, "बाबा जी ने बचा लिया"पर जब बाबा जी बीमार होते हैं,तो बड़े डॉक्टरों से महंगे अस्पतालों में इलाज़ करवाते हैं.अंधभक्त उनके ठीक होने की दुआ करते हैं लेकिन सोचते नहीं हैं....*

👉 अंधभक्त अपने बाबा को भगवान समझते हैं...उनके चमत्कारों की सौ-सौ कहानियां सुनाते हैं. 

👉  *जब बाबा जी किसी अपराध में जेल जाते हैं, तब वे कोई चमत्कार नहीं दिखाते..  तब अंधभक्त बाबा के लिये लड़ते-मरते हैं, लेकिन वे कुछ सोचते नहीं हैं.....*

👉 *इन्सान आंखों से अंधा हो तो कहते है उसकी बाकी ज्ञान इन्द्रियाँ ज़्यादा काम करने लगती हैं, लेकिन अंध भक्तों की कोई भी ज्ञान इंद्री काम नहीं करती...*

         *अतः जागृत बनें, तार्किक बनें और ईश्वर को अक्ल से पहचाने*



     🙏   *नमस्कार*  🙏

20181118

*दुनियां में सिकन्दर कोई नहीं, वक्त सिकन्दर होता है..*

*सिकन्दर उस जल की तलाश में था, जिसे पीने से मानव अमर हो जाते हैं.!*

*दुनियाँ भर को जीतने के जो उसने आयोजन किए, वह अमृत की तलाश के लिए ही थे !*

*काफी दिनों तक देश दुनियाँ में भटकने के पश्चात आखिरकार सिकन्दर ने वह जगह पा ही ली, जहाँ उसे अमृत की प्राप्ति होती !*

*वह उस गुफा में प्रवेश कर गया, जहाँ अमृत का झरना था, वह आनन्दित हो गया !*

👉 *जन्म-जन्म की आकांक्षा पूरी होने का क्षण आ गया, उसके सामने ही अमृत जल कल - कल करके बह रहा था, वह अंजलि में अमृत को लेकर पीने के लिए झुका ही था कि तभी एक कौआ 🦅जो उस गुफा के भीतर बैठा था, जोर से बोला, ठहर, रुक जा, यह भूल मत करना...!’*

 *सिकन्दर ने🦅कौवे की तरफ देखा!*

*बड़ी दुर्गति की अवस्था में था वह कौआ.🦅!*

*पंख झड़ गए थे, पँजे गिर गए  थे, अंधा भी हो गया था, बस कंकाल मात्र ही शेष रह गया था !*

*सिकन्दर ने कहा, ‘तू रोकने वाला कौन...?’*

🦅 *कौवे ने उत्तर दिया, ‘मेरी कहानी सुन लो...मैं अमृत की तलाश में था और यह गुफा मुझे भी मिल गई थी !, मैंने यह अमृत पी लिया !*

🦅 *अब मैं मर नहीं सकता, पर मैं अब मरना चाहता हूँ... !*
🦅 *देख लो मेरी हालत...अंधा हो गया हूँ, पंख झड़ गए हैं, उड़ नहीं सकता, पैर गल गए हैं, एक बार मेरी ओर देख लो फिर उसके बाद यदि इच्छा हो तो अवश्य अमृत पी लेना!*

🦅 *देखो...अब मैं चिल्ला रहा हूँ...चीख रहा हूँ...कि कोई मुझे मार डाले, लेकिन मुझे मारा भी नहीं जा सकता !*

🦅 *अब प्रार्थना कर रहा हूँ  परमात्मा से कि प्रभु मुझे मार डालो !*

🦅 *मेरी एक ही आकांक्षा है कि किसी तरह मर जाऊँ !*

🦅 *इसलिए सोच लो एक बार, फिर जो इच्छा हो वो करना.’!*

🦅 *कहते हैं कि सिकन्दर  सोचता रहा....बड़ी देर तक.....!*

*आखिर उसकी उम्र भर की तलाश थी अमृत !*💧

*उसे भला ऐसे कैसे छोड़ देता !*

 *सोचने के बाद फिर चुपचाप गुफा से बाहर वापस लौट आया, बिना अमृत पिए !*

 *सिकन्दर समझ चुका था कि जीवन का आनन्द ✨उस समय तक ही रहता है, जब तक हम उस आनन्द को भोगने की स्थिति में होते हैं!*

*इसलिए स्वास्थ्य की रक्षा कीजिये !*
*जितना जीवन मिला है,उस जीवन का भरपूर आनन्द लीजिये !*
❣🥀 *हमेशा खुश रहिये ?*❣🥀 


🙏🏼🌸सहृदय नमस्कार🌸 🙏🏼

मुहूर्त बनाने और मानने वालों के लिए

गर्भ धारण व शिशु पैदा होने का कोई मूहुर्त नही....

मृत्यु का कोई मुहूर्त नही क्योंकि ये बातें प्राकृतिक हैं। 

विद्यालय मे प्रवेश ,परीक्षा मे प्रवेश , नौकरी हेतु इंटरव्यू, नौकरी की ज्वाइनिंग ,वेतन पाने इत्यादि का कोई मुहूर्त नही , 

पहले से तिथि निर्धारित होती है . इसके लिए मुहूर्त ढूंढते भी नहीं ...

फिर नामकरण ,शादी ,मकान हेतु भूमि पूजन ,गृह प्रवेश , मृत्यु भोज ( तेरहवीं) इत्यादि कर्म कान्ड मे मुहूर्त कैसे घुस गया ???

जाहिर है कुछ लोगो ने अपने निहित स्वार्थ हेतु समाज को गुमराह किया व उनके दिमाग को खराब किया .....

"मुहूर्त ", पोंगापंथियों एवं गपोडशंखियों का एक कूटरचित शब्द है।                                               
तो हमारा काम बिना मुहूर्त के क्यों नहीं हो सकता है?
अब आपको विचार करना है कि,

आप और आपका परिवार कब इस मुहूर्त के चक्कर से मुक्त होगा?       

 मंदिर का महंत, पुजारी या कोई ज्योतिष नक्षत्र का ज्ञाता जब बीमार होता है तो वह इतनी पवित्र जगह को छोड़ कर अस्पताल क्यों जाता है ? 
और यदि जाता भी है तो मुहूर्त से क्यों नहीं जाता?    

कोई पाचवीं फेल ग्रह नक्षत्रों का ज्ञाता हो सकता है  यह हमारा बीमार दिमाग मानता है । 
डाक्टर इंजिनियर बडे से बडा अधिकारी ,पाचवीं फेल एक व्यक्ति का गुलाम है , विज्ञानं पर अविश्वास कर रहे हो।

सभी दिन, तिथि, वार, दिशा खगोल और प्रकृति निमित्त है। कोई बुरा नहीं कोई अच्छा नहीं। 
जब संसार की सबसे बड़ी 2 घटनाएं जन्म और मृत्यु का कोई मुहूर्त नहीं है तो बाकी भी सब वहम् है। 

*•* बच्चे को काला टिका लगाने से उसका संरक्षण होता तो भारत मे बाल मृत्यु दर शून्य होता...!

*•* गाड़ी मे निंबू मिर्च बांधने से सुरक्षा मिलती तो भारत मे दुर्घटना मृत्यु दर शून्य रहती...! 

*•* पुजा करने से व्यापार, उद्योग धंधो मे बरकत  आती तो सभी उद्योगपति रहते...!

*•* बडे़-बडे़ बाबाओं के पास जाने से अपने दुखों का निवारण हो सकता तो सभी बाबाओ के भक्त सुखी हो गए होते...!

*•* कुंडली मिलाने से अगर सभी पती-पत्नी का मन जुड गया होता तो सभी अरेंज -मैरिज यशस्वी हुए होते...!

*• यज्ञ* करने से कोई टीम जीत जाती तो भारत विश्व मे कोई भी खेलो मे हारता नही...!

*•* चिकित्सक विचार व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही अपनी प्रगति हो सकती है...!👊

                *🌞 मुहुर्त का समय 🌞*

*•* जिस  दिन, जिस वक्त हमारा जन्म हुआ वही दिन  और समय हमारे लिए शुभ है...!

*•* जन्म लेते समय कभी मुहुर्त नही देखा जाता और मरने के लिए कोई मुहुर्त नही देखा जाता...!

*•* फिर भी जिंदगी मे मुहुर्त देखा जाता है  !
सभी दिन  और सभी समय शुभ मुहूर्त है  !
सिर्फ  इच्छा शक्ति प्रबल होनी चाहिए  !
हमारे लिए सभी दिन  और समय शुभ है  !!

*•* 🌞कुंडलियां देखकर विवाह का मुहुर्त निकाला जाता है फिर भी  अनेक स्त्रियां विधवा 
और पुरूष विधुर होते है  ?

*•* पत्रिका और कुंडली जोडकर हुए जोडो के विवाह का तलाक और कुछ का अकाल मृत्यु क्यों होता है ऐसा क्यो...?

*•* 95% विवाह मुहूर्त के समय नही होता फिर भी मुहुर्त का आग्रह किसलिए...?

*•* 🌞 मुहुर्त देखकर चुनाव मे खड़े होने वाले उम्मीदवार मे से एक ही विजयी होता है शेष सभी हारते है  ऐसा क्यो होता है  ?
सिर्फ  एक का ही मुहुर्त शुभ होता है क्या...?

*•* मंत्री पद की घोषणा के पश्चात मंत्रालय को स्वीकारने व कुर्सी पर बैठने के लिए शुभ मुहूर्त खोजे जाते है...!   

*•* फिर भी मंत्री पद  अल्प कालीन क्यों हो जाता है...!

*•* 🌞 शुभ मुहूर्त मे जन्मा बच्चा सदैव वैज्ञानिक, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उद्योगपति ही होगा क्या...?

*•* 🌞 अंबानी के जन्म मुहुर्त मे पैदा हुए सभी बच्चे अंबानी जैसे हुए क्या...?

*•* 🌤 उच्च शिक्षित डाक्टर, इंजीनियर, उद्योगपति अपने कार्यालय का उद्घाटन करते समय  मुहुर्त देखकर ही शुरूआत करते है
 फिर भी कितनो को अपयश मिलता है ऐसा क्यो...?

                         *:: कारण ::*

*•* 🌤 शुभ मुहूर्त यह धोखा है, सच नही।
 जिनको खुद पर विश्वास ना हो वही ऐसी बातो पर विश्वास रखता है।

*•* 🌤 मुहुर्त देखने वाली पेशवाई नष्ट हो गई और कभी मुहुर्त ना देखने वाले ब्रिटिशो ने पुरे भारत  और आधे विश्व मे अपना परचम फहराया...!

*•* 💥 अपने आप पर और अपने कर्मो पर विश्वास रखे।

*•* 💥 अगर आपका मन निर्मल होगा और प्रयास करने की क्षमता होगी तो आपको यशस्वी होने से कोई समय व मुहुर्त रोक नही सकता।
  
*•* इसलिए आज व अभी से शुभ अशुभ मुहुर्त मे ना पडते हुए वैज्ञानिक सोच अपनाएं और  अपना व दूसरों का समय ना बर्बाद करते हुए यशस्वी बनें...।

*• 33 करोड़ देवी देवता घर में रखने के बाद भी*
*भरोसा सिर्फ ताले पर ही किया जाता है देवी देवताओं पर नहीं*

*• ऐसा क्यों...?* 🤔
आजकल भगवान भी विज्ञान के भरोसे हैं
नही तो मन्दिरो मे cctv कैमरे की क्या जरुरत। ??????

*इन बातों पर विचार जरूर करे।*

सहारे मत तलाश करें

ईरान का एक बादशाह सर्दियों की शाम जब अपने महल में दाखिल हो रहा था तो एक बूढ़े दरबान को देखा जो महल के सदर दरवाज़े पर पुरानी और बारीक वर्दी में पहरा दे रहा था।    बादशाह ने उसके करीब अपनी सवारी को रुकवाया और उस ज़ईफ़ दरबान से पूछने लगा ..सर्दी नही लग रही ? दरबान ने जवाब दिया "बोहत लग रही है हुज़ूर ! मगर क्या करूँ, गर्म वर्दी है नही मेरे पास, इसलिए बर्दाश्त करना पड़ता है।      मैं अभी महल के अंदर जाकर अपना ही कोई गर्म जोड़ा भेजता हूँ तुम्हे। दरबान ने खुश होकर बादशाह को फर्शी सलाम किया और आजिज़ी का इज़हार किया।      लेकिन बादशाह जैसे ही महल में दाखिल हुआ, दरबान के साथ किया हुआ वादा भूल गया। सुबह दरवाज़े पर उस बूढ़े दरबान की अकड़ी हुई लाश मिली और करीब ही मिट्टी पर उसकी उंगलियों से लिखी गई ये तहरीर भी  ......बादशाह सलामत ! मैं कई सालों से सर्दियों में इसी नाज़ुक वर्दी में दरबानी कर रहा था, मगर कल रात आप के गर्म लिबास के वादे ने मेरी जान निकाल दी। 
सहारे इंसान को खोखला कर देते है। उसी तरह उम्मीदें कमज़ोर कर देती है, अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, असल सहारा उस मालिक़ का है जो ज़िन्दगी में भी हमारे साथ है और मरने के बाद भी जिसकी रहमत हम को तनहा नही छोड़ती।

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