विवाह योग्य युवक-युवती के परिवार वाले ध्यान से पढ़े
एक 24 वर्षीय लड़की के पिताजी को नजदीक के परिजन ने
एक विवाह प्रस्ताव के बारे में बताया कि लड़का शहर में नौकरी करता है। .... दिखने
में सुस्वरूप है।.... अच्छे संस्कार वाला है।... माँ बाप भी धनाढ्य और सम्पन्न हैं
लड़के की उम्र 25 साल है, सब अनुरुप है। लड़की के पिताजी ने कहा कि वो सब ठीक है पर लड़के की कमाई कितनी है?
मध्यस्थ
ने बताया कि अच्छी है। 30 हजार
रुपये है। धनाढ्य परिवार से है।
लड़की के
पिताजी ने जवाब दिया कि हूँ !! शहर में 30 हजार से क्या होता है? परिवार की कमाई से हमें क्या
लेना-देना!!
मध्यस्थ ने कहा कि एक दूसरा लड़का भी
है।... दिखने में ठीक ठाक है।... तनख्वाह अच्छी.... 50 हजार है। सिर्फ उसकी उम्र थोड़ी ज्यादा
है। वह 28 साल का
है।
लडके पिताजी ने कहा कि 50 हजार ? शहर में 1BHK फ्लैट भी वह खरीद सकता है क्या!....
सिर्फ 50 हजार में?... तो मेरी बेटी को कैसे खुश रख पायेगा वो !
मध्यस्थ ने हिम्मत नहीं हारी और एक
बताया कि एक और भी है।.... लड़का दिखने मे ठीक ठाक है। .... सिर्फ थोड़ा मोटा है।
.... थोडे से बाल झड़ गए है....दिमाग से काम करने के कारण!.... तनख्वाह भी ज्यादा है।... 1 लाख महीना है। ... पर उम्र मात्र 32 साल है ... देखो अगर आपको जँचता हो तो!
लड़की के पिताजी ने गुस्से में कहा कि
क्या चाटना है 1 लाख पगार
को? .... मेरी
कन्या को तो सुन्दर लड़का ही
चाहिए।.... और वो भी अकेला रहने वाला या बहुत छोटा परिवार। ....कमाई भी ज्यादा
होनी चाहिए, वरना लड़की
को खुश कैसे रखेगा!.... मेरी लड़की भी कमाती है! .... कोई अच्छा वर बताइये जी
....लड़का कम उम्र का हो,....अच्छी
पगार कमाता हो, .....घर का भी
अच्छा होना चाहिए ....और दिखने मैं स्मार्ट हो!... अपने खुद के फ्लैट में रहता
हो।... परिवार के साथ रहने वाला नहीं चाहिए!
ऐसे ही बातो में 3 से 5 साल निकल गए। .... फिर उसे मध्यस्थ को
बुलाकर बात हुयी....
मध्यस्थ ने कहा कि अब आपकी लड़की हेतु
योग्य वर देखना मेरे बस की बात नही.
अब मेरे
पास आपकी लड़की के अनुरूप 30 से 35 साल वाले लड़के ही मेरी नजर में है। आप
बोलो तो बताऊ?
लड़की का बाप: "कोई भी लड़का
बताइये!.... इस उम्र में कही शादी हो जाये! ये क्या कम बड़ी बात है!!!.... लड़की की
उम्र भी तो 29/30 हो रही
है!! ....अब मेरी लड़की ही बहुत बड़ी हो गयी है... तो मैं ज्यादा क्या अपेक्षा
रखू.!!
नोट :
ऐसी बातें करके लड़की और लड़को की जिंदगी
के साथ खिलवाड़ रोज देखता हूँ! अंत में समझौता ही करते देखा जाता है! ...
आप अपने आस पास देखेंगे, तो पायेंगे की बहुत से लोग शादी के बाद
धनवान बने है!.... क्यों की ज्योतिषीय आधार पर भी बहुत बार भाग्य शादी के बाद उदय होता
है।... तो बहुत बार शादी के बाद व्यक्ति का सब कुछ चला जाता है..... इसलिए पैसे को
ही एकमात्र आधार नहीं बनाये!....सिर्फ एक सवाल का उत्तर दें कि जब आपकी शादी हुई
थी तब आप कितना कमाते थे? ... आज क्या
आपके पास नहीं है!
लड़का-लड़की को समानता का अधिकार वाले
युग मे आप भी थोड़ा लड़की एवं लड़के के पीछे खड़े रहिये। पर कृपा
करके लड़के-लड़कियों की शादी योग्य उम्र में करिये या होने दीजिए।
ज्यादा मामलों में देखा गया है कि
कमाने वाली लड़कियां या पढ़ाई करने वाली लड़कियां ही अभी पढ़ना है! का बहाना बना कर
.... या काम का बहाना बनाकर जल्द विवाह नहीं करना चाहती है। .... और मां-बाप
द्वारा शादी की बात करने पर घर में झगड़ा आम हो चुका है। ....अपने माता-पिता की भी
भावनाये एवं इच्छाओं का ध्यान रखिए।.. .. आप भले ही डिग्री में उनसे ज्यादा हैं।
... पर आपके माता-पिता आपसे बहुत ज्यादा अनुभवी हैं।... और कोई भी अपने बच्चों के
लिए गलत संबंध नहीं देखता है।
कई जगह तो अच्छे लड़कों को इसलिए छोड़
दिया क्यों कि लड़कियां जॉब कर रही थी और पढ़ाई में लड़कों से ज्यादा थी।...जब कि
लड़के भले ही उनसे कम पढ़े थे .... परंतु उनके जैसी सैलरी वाले तो उनके परिवारिक
व्यवसाय में जॉब कर रहे थे।.... उनके पास पढ़ाई लड़की से कम भले ही था....पर परिवार
और लड़के के पास सारी सुख सुविधा थी।.... परंतु उनको इसलिए नकार दिया गया, क्यों कि वे परिवारिक संयुक्त व्यापार
में थे!... लड़की के परिवार को परिवारिक व्यापारी नहीं बल्कि अकेला जॉब या काम करने
वाला लड़का चाहिए था!!....जब कि वे वर करोड़ों में खेल रहे थे!.... उनको पढ़ी लिखी
बहु चाहिए थी! .... शादी के बाद जॉब करने वाली नहीं बल्कि परिवारिक काम में मददगार
बहु!... सारी संपत्ति इनके 2 या 3 भाइयों
में ही बंटती!....ऐसे सम्बंध छोड़कर जॉब वालों से शादी करने वालों को भी जानता हूँ
..... और सिर्फ जॉब ही करूंगी ! को ही मकसद बनाकर कई को कुँवारे डोलते उम्रदराज हो
चुके को भी जानता हूँ!.... इन्होंने कई बेहतरीन मौके, सिर्फ इसीलिए गंवा दिए!....क्यों कि
जॉब की सोच से बाहर आकर मौके को नहीं पहचाना !!... उनके माता-पिता तो तैयार थे....
पर बच्चे नहीं माने!!
उम्रभर पैसा और नौकरीं तो आते-जाते
रहेगी....पर "तारुण्य" और "उम्र" वापस नहीं आएगी...
देखिये
सोच कर
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कृपया विवाद न करे ....ये एक सत्य
विचार है....कोई इसे व्यक्तिगत
न लें।...अगर बातें सही और योग्य लगे!... तो आचरण में लाने का प्रयास करे....
सभी के अनुभव और विचारों का स्वागत है।
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