जीवन की मौज मस्ती को पेंडिंग मत रखिये क्योंकि समय का रिजर्वेशन नहीं होता ।
दोष सिर्फ़ अंधेरे का नहीं अपितु लोग बहुत ज्यादा रोशनी से भी अंधे हो जाते हैं ।
ख़ुद की समझदारी भी एक अहमियत रखती है वरना याद रहे कि अर्जुन और दुर्योधन के गुरु तो एक ही थे ।
इश्क़ करना है किसी से तो बेहद कीजिये क्योंकि हदें तो सरहदों की होती हैं, दिलों की नहीं ।
अच्छे लोगों की यह खूबी है कि उन्हें याद रखना नहीं पड़ता अपितु अनायास ही याद रह जाते हैं ।
गति धीमी होने पर आप लक्ष्य को पा लेंगे, बस जरूरी है कि आप रुकें नहीं।
नहीं आता याचना करना तो खाली हाथ फैला दीजिये, यह जो प्रभुजी हैं, बंद होठों की भाषा भी समझ लेते हैं ।
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